राधा का श्री कृष्ण से कोई लेना देना नहीं यह एक बनावटी कहानी है।
- maheshkumarmilanka
- Aug 26, 2019
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राधा का श्री कृष्ण से कोई लेना देना नहीं. श्री कृष्ण सर्वोपरि थे, भगवान थे, विश्व को सबसे महत्वपूर्ण संदेश दिए लेकिन इन कुटिल लोगो ने ऐसे ही नीचा दिखाने के लिए उनके साथ राधा नामक पात्र को जोड़ा. उनको रासलीलाओं से जोड़ा, उनको रसिया बताकर गोपियों से जोड़ा. यह मनगंढत कहानियां बनाकर एक विशेष समूदाय दो हित साध रहा था. एक तो यह कि जब भविष्य में वह कोई व्यभिचार करे या गलत काम करे तो भगवान श्री कृष्ण का उदाहरण देकर छूट जाए कि वे भी ऐसा करते थे और दूसरी साजिश वही थी जो आज चरितार्थ हो रही है कि श्री कृष्ण के वंशजों को कुछ जातियां नीचा दिखाने की कोशिश करें और जब आपस में विवाद हो तो खुद ही पंचायत करे.
बल्कि और लोग यादवों से ज्यादा जागरूक और संगठित है. इन्होंने सही मायने में कुटिल मानसिकता को सबक सिखाया है. कुटिलो द्वारा बनाए गए पाखंड अंधविश्वास आडंबर और मनगढंत कहानियों का यह पूरी तरह से बहिष्कार कर चुके हैं. इनकी गलती नहीं है कि यह श्री कृष्ण को भी नहीं मानते. अमबेडकरवादी कुटिलो का सबसे बड़े शिकार हुए इसलिए यह या तो धर्म छोड़ चुके हैं या पूरी तरह से संविधान को अंगीकार आगे बढ़ रहे हैं.
यादवों को भी अपना और अपने भगवान का इतिहास पढ़ना होगा और कहां कहां मनुवादियो ने साजिश रची उसे जानना होगा और कुटिलो का पूरी तरह बहिष्कार करना होगा तभी कल्याण संभव है. अफसोस होता है कि यादव आज भी मनुवादियो के चंगुल में फंसे हैं और न ही पूजा पाठ ठीक से कर पा रहे हैं और न ही संविधान का लाभ उठा पा रहे हैं. श्री कृष्ण आपकी आस्था का विषय हैं तो संविधान आपकी तरक्की का रास्ता.
जब तक आप तार्किक होकर अन्य पिछडी और दलित जातियों का विश्वास नहीं जीतेगें तब तक मनुवादी आपको अन्य जातियों से लड़ाकर ऐसे ही सत्ता और धार्मिक मलाई खाता रहेगा.
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